Friday 30 June 2017

आस की बारिश

आस की बारिश ख्वाहिशों की
बारात लाई, नेह हृद में जगा गई ।
मनभावनी बरखा की रिमझिम फुहारे
मोहती बडी ,बूँदें मनुहार कर गई ।

पावस की मधुरिम बूँदे तन मन
भिगोंकर अनकही एहसास जगा,
उम्मीदों की बूँदे बरसा जाएगी ..
कुछ  हसीन लम्हें जज्बात के
जिन्दगी जीने के लिए दे जाएगी ..

बारिश की बूँदें अरमानों की रात में
छू कर दिल के तारों को धड़कनों
से खेल, बिन बोले बरस जाएगी...
सजनी को साजन से प्रीत की ड़ोर
से जोड़ जाएगी ....

काश ऐसी बारिश आए जीवन में
मनुज - मनुज में भेद भाव मिटा
दिलों को दिलों से जोड़ जाए....।
नफरतें  हटाकर दिलों को भिंगो
जाए प्रेमरस की बारिश में ....

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