Saturday 15 July 2017

साथ

मन न जाने क्यूँ आज बचैन है
  बरसों साथ रहके भी रिश्ते
   छूट जाते ..
  मुशीबत में अपना साया भी साथ
  छोड़ देता ...
  पल भर में  चीजें बदल जाती है
  सदा के लिए कोई साथ नहीं देता
   प्रेम कोई उपहार नहीं
   न ही भीख मांगकर मिले
  ये तो दो दिलों का मिलाप है
   मन तूँ सीख ले
  किसी के बगैर जीना
 ये ठान ले है हिम्मत से जीना ..
धीरज करने वाले की हार नहीं होती
वक्त बदलते देर नहीं लगता ...
सिर्फ रहे रब की इनायत ...  

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