Wednesday 26 July 2017

विश्वास


रिश्तों की गहराईयाँ परत दर परत
खुल ही जाती
हकीकत के सरजीन पर वास्तविकता
का पता चल ही जाता ।
झूठ और अविश्वास की नींव हो तो
रिश्ते के महल टूटने में देर नहीं लगता ।
गर मन में हो खोट तो चाशनी में
 डूबा रिश्ता भी बिखर जाता है ।
 त्याग और आदर से  बंधे मन,
 ही जुड़े रहते ।
बड़े से  बड़े आंधियों में भी
रिश्ते को टूटने न देते हैं।
संबंधो की गरिमा
बंधनो से आजादी में है ।
जबर्दस्ती बंधे रिश्ते में घुटन
 होने लगता है

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