जीवन सफल बने
तो पाँव हो धरती पे
मंजिल पाने के लिए
एक एक सीढ़ी पर
संभल के कदम रखें ..
सफल होने के लिए
कभी भी किसी का
सीढ़ियों के तरह
इस्तेमाल न करें ..
ऐसी सफलता जो
किसी के हक मार कर मिले
किसी काम का नहीं होता
किसी के ख्वाब छिनकर
किसी के खुशियों को
रौंदकर मिले सुख
किसी के नयनों में
अश्क भरकर
जीत की खुशी
मनाना बेकार है...
ऐसी सफलता
श्राप समान है...
जो दूसरे के स्नेह
और सुख के लिए ..
अपने सारे हक और
सुख को त्याग दे
असली विजयी वही
कहलाते हैं जो
अपनों के खातिर
जीत के भी हार जाए ..
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