विश्व पटल पर बालिकाओं ने
दिखा दिया वो काम ..
लहराया है ज्ञान और बुद्धियों से
उपलब्धियों का परचम ..
जब भी मौका मिला खुद को
साबित किया ..
असंभव को भी संभव कर दिखाया..
चाँद पर भी पहँचकर सबको
चौंका दिया ..
बचा न कोई क्षेत्र जहाँ उपस्थित
न हो बालिकाएँ
डाॅ ,इन्जिनियर और वैज्ञानिक
से लेकर सेना के पद संभाल
रही है बालिकाएँ ..
हर विधा में अपने हुनर से सबको
रूबरू करवा दिया ..
विश्व में भी बालिकाओं ने खुद के लिए
ताली बजवाया..
बालिकाओं को मान सम्मान देना
है सर्वोपरी ..
उसके बिना ना चल सकता परिवार,
होती हर घर की वो धूरी ..
कुछ मनचले आते न बाज अपने
हरकतों से ..
इज्जत को तार तार करने को निःसहाय
जान मौके के रहते तलाश में ..
करो न बालिकाओं का अपमान
संभल जाओ शैतानों ..
बन माँ दुर्गा और काली तेरी मिटा
देगी ये हस्ती,
मिलेगा ना तुझे एक टुकड़ा कफन
आएगा न चिता पे कोई रोने ..
होने न पाए किसी बच्ची का अपमान
सबका हो यही कर्तव्य ..
विश्व बालिका दिवस की तभी है सार्थकता ..
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