Wednesday 29 November 2017

अमूल्य समय

छोड़ कर जाना मायका
जितना है दर्द भरा पल
यादों को दिल से भुलाना
उससे भी अधिक मुश्किल ..

जन्म से लेके विवाह तक
यादों में ताना बाना मायके का
जाहिर है अमूल्य समय बीता तो
चर्चा भी वहीं का निकलता ..
 
वो माँ पापा के मीठे पुकार
सुन सुबह के नींद से जागना ..
या डायनिंग टेबल पर सबके
साथ लन्च और डिनर हो करना
 याद आते ही आँखें जाती है भर ..
 
जब मन में जो आए कर बैठते जिद्द
माँ पापा भी पलकों पे उठाते सारे नखरे
कभी जरा सा कुम्हलाया मुख देखते
तो  उनका मन भी बैचेन हो जाता ..
पीठ पे हौले से प्यार की थपकी देकर
सब तकलीफों से मुक्त करने वाले
मम्मी पापा को कोई कैसे भूलें?
 
 निभाना पड़ता जीवन का दस्तुर
माँ पापा भी चिंताओं से मुक्त होते
 लाड़लियों को विदा कर ..
गर वो गई ऐसे घर जहाँ मिले
उसे इतना प्यार जो आने न दे
मायके की उसे  याद ..
माँ पापा भी खुश रहते लाड़ली की
गृहस्थी देखकर ...

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