Sunday 26 November 2017

जुत्सजू

तुम्हारे होने का मतलब
घरों में खुशियों की फुहार
दिल में खिल गया हो गुलाब
जैसे बजने लगी है दरों दीवार
फिजां में महक रही हों खुशबू ..

जनाब तेरे बेसबब बेतलबी
का कशिश कुछ ऐसा की
 अब न रब से मेरी कोई आरजू
और न रही अपनी जुत्सजू कोई
खुद को मैं तुझमें ही घोल गई  ..

जिन्दादिली में तुम बेमिसाल
मेरे हर फैसला में तुम हो शामिल
तुमसे ही है मुझमें हौसला ..
मैं कभी लड़खड़ा भी जाऊँ तो
तुम मुझे हर पल लेना संभाल ..

तुम्हारे होने भर से चहूँ ओर
जुगनु सी चमक फैल जाती
तुमसे ही शुरू मेरे दिन रैन
अंधेरे को अब न मुझसे वास्ता
 अमावस की रातें मुझसे रहते दूर ..

No comments:

Post a Comment