पहचान लोगों का
बहुत ही मुश्किल
नकाबपोश बनके
घूम रहे लोग बाग
हर ओर माहौल
एक अविश्वास का ..
किसी के दोमुखी
रूप देख आईना भी
अचंभित हो जाएँ
धुंधली सी छवि लोगों की ,
चेहरे पे चिपका रहता
आवरण झूठ का ..
अनुमान से परे
किसी के व्यक्तित्व
जेहन में सबके
संदेह का बीज
अति गहरी हो चुँकी
जड़ें अविश्वास की..
छुपा के रखते लोग
अपने आय व्यय
दुनियाँ ढकोसले पे टिकी .
डींगे मारने में तनिक
भी लज्जा न आती
जो न होता दिखावा
करते हैं उसका ..
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