Wednesday 27 December 2017

जीवन की निरंतरता

जिन्दगी चलती रहती है
चुपचाप बिना शोर के
बिना रूके बिना थके
अपने ही लय में, निरंतर गति से
जिन्दगी चलती रहती है ..
 जीवन की पथरीली राहों में
 लड़खड़ाके भी बढ़ते रहते
और  हिम्मत से चलकर
 मंजिल को पा ही लेते
जिन्दगी चलती रहती है ..
लोग मिलकर बिछुड जाते
यादों के साथ रह जाते
किसी के बेबसी से बेपरवाह
जिन्दगी चलती रहती है ..
जीवन के डोर जब टूटने लगते
धीरे धीरे जिन्दगी फिसलती जाती
और नियति के आगे हार जाती
फिर दामन को छोड़ बढ जाती
जिन्दगी चलती रहती है ..

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