वो पहली नजर का इश्क
मेहरबानी अनोखी रब की
बस में न अपनी धड़कनें
जाने कैसे जुड़ते तार दिल की
बिन डोर बंध जाते बंधन प्यार के ..
एक मीठी कशिश प्रीत की
जिसमें न कोई आरजू
होती न कोई शिकायत
मिन्नतें नहीं मिलन की
बस एक पल के दीदार को
करते इन्तजार सदियों तक..
प्रियतम के प्यार में पागल
दो जहाँ की खुशियाँ लुटाते
महबूब के एक हँसी के बदले ..
रूसवा न होने देते मीत को
पाक साफ होते प्रीत इनके
ये बंधन तो होते हैं जन्मों के...
मुहब्बत तो है रब की इनायत
नुमाइश तो कभी करते ही नहीं
अपने मन मंदिर में बस पूजते हैं ...
चाहे कितनी ही आए झंझावात
सच्चे प्रेमी कभी बदलते नहीं हैं
खेलते नहीं कभी दिल के रिश्ते से
दामन में दाग लगने नहीं देते हैं ..
💔💔Happy Valentine's day 💔💔
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