सुबह सुबह रवि को बहुत सारे लोगों के जोर जोर से बोलने की आवाज सुनाई दी ... ।
वो भी आवाज की दिशा में चल पड़ा । उसने घर के पिछुआड़े में पोखर के बराबर पाट पर देखा बहुत से लोगों को गहन विचार विमर्श करते हुए । नजदीक पहुँच कर उसने किसी से पूछा आखिर माजरा क्या है ....?
उसने कहा नीचे देखो ...!
नीचे एक अर्धविकसित नन्हीं के शव देख वो एकाएक चौंक गया....!!
सबने बताया ! हीरा चाची सुबह पोखर नहाने आई उसी ने
नन्हीं के शव को किनारे में देख गाँव वाले को बताया ...
सभी लोग आपस में सोचने लगे आखिर कैसे ढूँढा जाए इस जघन्य पापी को ....?
फिर विचार हुआ ! नर्स को सबके घर जाँच करने भेजा जाए..... ।
जल्दी ही सच्चाई सबके सामने आ गयी... "वो एक कुँवारी किशोरी निकली ...।"
नन्हीं के पिता कौन है सबने जानने के लिए उसपर दबाव बनाया ...।
लड़की ने जिस लड़के पर अंगुली उठाई वो गाँव के संभ्रांत परिवार का सजातिय बेटा ही निकला ... सब कोई आश्चर्य चकित हो गए... !
लड़की ने बताया, शादी के झांसे देकर उसने रिश्ते बनाया .....बाद में वो मूकर गया ....।
लड़की और उसकी माँ पापा फफक कर रोने लगे....और
कहने लगे भूल सुधार का यही उपाय सूझा....हम गरीब बड़े लोगों का क्या कर लेंगे ....?
पंचों ने लड़की और उसके माता पिता को पहले बहुत डाँटा...उसने कहा तुम लोग कब तक इस कूपमंडुता से निकलोगे..... !
" चोरी छिपे संबंध बनाने वाले धूर्त इंसान रिश्ते को कभी
भी अपना नाम नहीं दे सकता ...?"
शुरू में लड़का स्वीकार ही नहीं कर रहा था अपनी संलग्नता..... !
"जब पंचायत वाले ने डी एन ए टेस्ट और मामले को कोर्ट में खिंचने की धमकी दी तो .....वो मान लिया अपना करतूत....।"
इस तरह का जघन्य अपराध फिर से कोई करने की हिम्मत न करे, इसलिए पंचों ने विचार विमर्श कर दोनों की शादी कराना ही उचित समझा ... ।
फिर पंचायत वाले ने लडका व उसके घर वाले पर ..... "किशोरी से शादी करने का फैसला सुनाया । गाँव वाले के उग्र रूख को देखकर और परिवार की बची खुची इज्जत को ढकने के लिए शादी करने में ही उसने अपनी भलाई समझी..।"
सबके उपस्थिति में, "उसने लड़की के गले में माला डालकर मांग भर दिया ...पंचों के इस शर्त पर कि वो लड़की को कभी प्रताड़ित नहीं करेगा ।"
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