आज कोर्ट ने फैसला दे दिया ...लडके वालों के पक्ष में ।
तलाक को जायज ठहराया गया ...।
कारण, "राजेंद्र बाबू ने झांसे देकर बेटी की शादी करायी थी.. ।"
" दिमागी रूप से अस्वस्थ है वह, जरा सा भी किसी को आभास नहीं होने दिया ....। बेटी को अंदर ही रखते ताकि , इस बारे में कानों कान खबर नहीं हो... ।"
राजेंद्र बाबू ने बड़ी धूम धाम से अपनी बेटी की शादी अमीर घर में कराई । लड़का भी सरकारी अफसर था । दहेज में देने को कुछ न छुटा था ...।
महंगे कपड़े, फर्नीचर ,बढ़िया क्राकरी सेट , टी वी, फ्रीज गाड़ी व सोने व डायमंड से बेटी को लाद ही दिया था उन्होंने ....। दामाद भी खूब स्मार्ट लाए थे ...।
शादी तक तो लड़के वाले बहुत खुश दिख रहे थे । विदाई के बाद न जाने क्यों लड़के वालों का मुँह लटक गया ...।
फिर तरह तरह की बातें सुनने में आने लगी ....।
कोई कहता लड़की सीधी है,ससुराल में घुल मिल नहीं पा रही..। कोई कहता सास बहुत तेज है, अपने बेटे को काबू में करके रखी है... ।
सच्चाई जो भी हो, अन्ततःराजेंद्र बाबू की बेटी दो महीने में ससुराल से लौट कर आ गई ...।
उसके बाद दोनों पक्षों में लंबी कानूनी लड़ाई चलने लगी..
"उन्होंने मखमल में लपेट कर ऐसे पेश किया बेटी को....
जाने वो कितनी शर्मीली हो.. ।"
लड़की दिखाने के समय लड़के वाले से बेटी को दूर ही रखा .."ये कहकर कि शादी से पहले लड़की का लड़के से ज्यादा बातचीत या मेल जोल हमारे बिरादरी में उचित नहीं है....।"
लड़की की माँ बहन के दो चार सवालों का जवाब तोते
जैसे रटा रटाया उत्तर दे दी... फिर उसे अंदर भेज दिया गया ....।
खैर उनको अपनी करनी का फल मिल गया ..."बेटी के घर बसाने का ख्वाब रेत के टीले के तरह बिखर गया ..।"
बेटी बेचारी को फालतू में ही सहना पड़ा इतना दुख.. !
बेटी के उपर, कहाँ इलाज में रूपये खर्च करना चाहिए ! उल्टे विवाह के आडंबर और दिखावा में राजेंद्र बाबू ने पानी के तरह रूपये बहा दिया ....।
खैर ! ..."अब पछताये क्या होत है,जब चिड़िया चुग गई खेत......।"
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