Friday 1 February 2019

अनोखी दास्तान

विधा --दिग्पाल छंद

दादू से बचपन में ,, ,,कई कहानियाँ सुनी
उषा प्रद्यम्न की कथा,,,किशोर वय में जानी
प्रद्यम्न का प्रेम छुप न ,, सका, दादा कृष्ण से
बाणासुर को संदेश,,,,भेजा शांति दूत से

ब्याह प्रस्ताव उसने ,,, गुस्से से ठुकरा दी
प्रेमी द्व को मिलाने,,, की योजना बना दी
बाणासुर की बेटी ,,,,श्री कृष्ण ने हर लिया
ऊखीमठ में पोता ,, का विवाह करा दिया

भा गई मन को, प्रीत ,, की दास्तान अनोखी
पवित्र प्रेम एक सत्य ,, यही सच्चाई दिखी
नेह के कोंपल खिले,, जब यौवन आया था
मिल गए राजकुमार,, स्वाब पूरा हुआ था

युग बदला, बदल गए ,,,,वक्त के साथ हम भी
जम गई धूल कितनी ,,,,  नामोनिशान  पर भी
  बना संजोग आ गई ,, पवित्र स्थान देखने
अब भी कुंड अक्षुण है ,,,उषा खड़ी अंजाने

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