Saturday 21 September 2019

मोक्ष


सुधाकर के घर आए दिन लड़ाई झगड़े की आवाज आती रहती ।
पड़ोसी भी उसके घर के कलह से परेशान रहते.... ।
सुधाकर अकेला रहता घर के आगे वाले
वाले हिस्से में ।पत्नी बेटा बेटी को
लेकर पीछे वाले हिस्से में ।पति पत्नी की आपस में  बनती न थी ।कारण सुबह सुबह वो सतसंग में
चल देती, बच्चे अपने आॅफीस ।सुधाकर अकेले
अकुलाता रहता...। सतसंग के बाद मीना की सखियाँ
आ जाती, .. या वो उसके घर चली जाती ।बच्चे के बड़े होने के बाद आजाद,  घुमक्ड़ और गैर जिम्मेदार स्वभाव  की वो हो गई ।
पति जब फौज से आते तो दोनों कितने खुश दिखते ।
बच्चों की पढ़ाई और सभी खर्चों के लिए , मोटी रकम।भेजता सुधाकर, या यूँ कहें अपने लिए नाम मात्र रखता,
रिटायर हुआ तो सारे फंड दे दिया पत्नी बच्चों को..।
शुरू में बड़े प्यार से रहते पूरे परिवार । परंतु मीना को
बिन बंधन जीने की आदत हो चली थी... ।
पति की जरूरतें वो नजर अंदाज करने लगी ।घर पर
पति होने के बावजूद , वो चल देती ...।
"ऐसी ही छोटी छोटी बातों ने दोनों के बीच जहर घोल डाला था ....।"
वो अक्सर पीने लगा फिर हल्ला करता । बच्चे को संग ले पत्नी मारती पिटती ।रिश्ते इतने खराब हो गए की एक ही घर  दो हिस्से में बँट गए.... ।
खाना के नामपर कुछ भी खा लेता सुधाकर ।धीरे धीरे कमजोर हो गया... ।
अक्सर भूखा रहता , फिर भी पीता ।मीना खाना बनाती बच्चों के लिए ,....।
पति को एक कटोरी भी सब्जी न देती । लोग पूछते तो कहती , लेते नहीं ।  मेहमान सखी सब खा पीकर
जाते पर पति भूखा सो रहा फिकर नहीं ...।
बच्चों और पत्नी की बेरूखी से सुधाकर ने शराब में   खुद को डूबो लिया ।  फिर चीख चीख कर सबको
कहता मेरे पैसे पर ये लोग ऐस कर रहे , अपने घर में मुझे पराया बना दिया इसने ....
"मरने से पहले सारी प्रापर्टी ट्रस्ट में दान दे दूँगा.... ।"
हल्ला सुनकर बच्चों को संग लेकर मीना ने पति की आज भी लाठी से खूब पिटाई कर डाली ।
सिर फूट गया खून बहने लगे , फिर भी दिल न पिघले ।कुछ ही घंटों में बेजान हो गया सुधाकर ।
  लोग निःशब्द  हो गए सुनकर । फिर थोड़े देर तक रोने धोने का नाटक हुआ ।
अगले पल पंडित बुलाया गया , पडोसी इकठ्ठे हुए ।सबने
मिलकर सारी तैयारी की , ल्हास  ले जाने की बात हुई तो
  "मीना और बच्चों ने कहा हरिद्वार ले जाना इन्हें.... "
  सब एक दूसरे का मुँह देखने लगे... ..
"दाने दाने तरसने वाले ... "सुधाकर का मृत शरीर ..आज मोक्ष के लिए हरिद्वार जा रहा था ..."।
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