मिसरा- "दिल लगाकर हम तो पछताये बहुत
वज़्न- 2122 , 2122, 212
अर्कान - फ़ाइलातुणग फ़ाइलातुन फ़ाइलुन ।
बह्र का नाम।- बह्ररे रमल मुसद्दस महफूज।
इल्म जिनके पास इतराये बहुत ।
चेहरे पर तेज मुस्काये बहुत।
ईश्क करके हो गया बीमार हूँ ।
दिल लगाकर हम पछताये बहुत
मर मिटे थे एक दिन मुझपर तुम्हीं ।
प्यार करके आज क्यों पछताए बहुत।।
शाद अज़मत जिन्दगी में जब रहे ।
तब मुहब्बत नैन छलकाये बहुत।।
अम्न हो जग राह दिखलाना जगत।
देश पर कर नाज, जग भाये बहुत ।
हर अकूबत सोच अख़्तर से मिले ।
धीर रख ,संकट को सुलझाये बहुत।
शोखियाँ बिजली गिराती है उषा ।
आशिकी तो रूह भरमाये बहुत ।।
शाद- प्रसन्नता
अज़मत- प्रतिष्ठा, आदर
अकूबत- यातना
अख्तर- भाग्य
उषा झा देहरादून
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