Thursday 5 November 2020

सैनिक सौरव भारत के


 विधा - महिया
मात्रा भार- 12, 10, 12

सरहद जाओ सजना 
 दुश्मन को मारो 
मानो मेरा कहना ।।

विरहा पल पल भारी
 सपने में हमको
करनी बातें सारी ।।

तुम बिन मुश्किल जीना ।
  दुख सहकर भी है ,
 पल पल चौड़ा सीना ।।

 प्रियतम गम मत करना ।
   जन्मों के साथी
 हिम्मत हरदम रखना ।।

 तुमसे आशा सबको 
    झंडा नव गाड़ो  
 अब  मारो दुष्टों को ।।

माता के गौरव हो
रखना सिर ऊँचा 
भारत के सौरभ हो ।।

 उषा झा  स्वरचित 
देहरादून उत्तराखंड

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