आयोजन - मुक्तक
विषय - बैशाखी
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नवल वर्ष में ढेरों खुशियाँ, लाया वैशाखी त्योहार ।
देखो फसलों की खुशबू से, महके हलधर के घर द्वार ।
श्रद्धा और विश्वास उमडते, बजते घंटा गुरुद्वारों के ।।
बैशाखी में दान करे सब ,गंगा स्नान करे भव पार ।।
प्रो उषा झा रेणु
स्वरचित देहरादून
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