Tuesday 1 August 2017

डूबते सूरज

उगते सूरज को सब नमन करते
जीवन में खुशियों की किरणें जो
भर देते  ..
डूबते सूरज को कौन पूछते
अपना ही साया का साथ जो
छुट जाता ..
दुर्दिन में जैसे सब छोड़ जाते ..
ये जीवन सुख दुख आँख
मिचौली है ..
सबके हिस्से में आनी है ..
सुख में न कोई इतराना ..
दुख में भी न घबराना ..
 हर शाम के बाद सुबह का
आना तैय है ..
वैसे ही दुख से भरे रैना का जाना
भी तैय है ...

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