Thursday 10 August 2017

दिल से जुड़े अपने

अपनों के याद आते ही 
 आँखों में आँसु आ ही जाते  ।
अपने मन की व्यथा बयाँ करने के लिए
जो सब कोई अपने दिल में छुपाए
रखकर हँसते रहते हैं इस संसार में ..
  अपनों से ही अपने आँखों को रहते चुराए ...
  जिस रिश्तों की परछाईंयो में हम पनपते
 उसी की जड़ को काटते रहते ..
वो स्नेह के बंधन जिसे चाहकर भी खुद से
अलग नहीं कर सकते ..
उससे ही आँखें फेर, दिलों में मिलों दूरियाँ
बढ़ा लेते ..
चाहे लाख कोशिश करो उन यादों को खरोंचने की..
पर वो जिस्म और जान से ऐसे घुले होते जो मुश्किल
से भी नहीं निकल सकते ..
क्यों न हम जीवन के ऐसे रिश्ते की कदर करें ..
जिन्हे मनमस्तिष्क से निकालना असंभव होता..
संभाल के रखें जो हमेशा पास होते वो दिलकेरिश्ते ..

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