Monday 28 August 2017

मरम्मत

आज कारपेंटर को बुलाया
कई दरवाजे और खड़कियों
के पेंच ढ़ीले पड़ गए थे
कीचेन के कबर्ड़ लग नहीं पाते
सो मरम्मत करवाना जरूरी लगा
कारपेंटर को दिखाया
देखकर उसने कहा
 ठीक होना मुश्किल है
नया बनवा लो
मैंने कहा कोशिश कर लो
उसने थोड़ी मेहनत की
ठोक पीट की 
कीचेन व दरवाजे हो गए ठीक
पहले जैसे ही हो गया
कारपेंटर के काम देख
मन ही मन सोचने लग गई
लकड़ी को काट पीट कर
इसने कितने आसानी से
मरम्मत कर दिया है
पर हमारे शरीर के कोई अंग
अगर ठीक से काम न करे
तो ठीक होने में कितना
अधिक समय लग जाता ..
कभी कभी पूरा ठीक
भी नहीं हो पाता..
पर दिल में पड़े अनगिनत
घावों को भरना नामुमकिन होता
शरीर के कल पूर्जों का
मरम्मत हो भी जाता
मगर दिल का मरम्मत मुश्किल होता ..


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