Tuesday 29 August 2017

संवेदना

सुबह चीख पुकार सुन
अचानक नींद खुली
मैं हैरत में पड़ गई ..
आखिर माजरा क्या है
पड़ोसियों से पड़ताल की,
तो जो पता चला
सुन मै बिस्मित
और हतप्रभ रह गई ..
एक पिता ने रिश्ते को
शर्मशार कर
11या12साल की
अपनी बेटी से ही
कुकर्म कर डाला ..
लड़की के चीख सुन
उसकी माँ ने
बड़ी मुश्किल से
उसको अलग किया
माँ बेटी के रोने
की आवाज सुन
मुहल्ले वाले जमा हो गए ..
फिर पुलिस चौकी में 
इत्तला दिया गया ..
पुलिस वाले बाप को
पकड़ कर ले गए
इन सब को सुन
मैं सुन्न सी रह गई..
एकाएक मेरे कदम
उसके घर की ओर
बढ़ने लगा ..
 लड़की की माँ के पास
पहुँच ठिठक सी गई ..
संवेदना में कुछ शब्द बोलूँ
होंठ खुल न पाए..
लड़की के कातर नयन देख
मैं भीतर से हील गई ..
जानवर भी अपने बच्चों को
शत्रुओं से बचाते..
संवेदनहिनता की हद हो गई ..
अगर घर के अंदर ही
लड़की सुरक्षित नहीं
तो बाहर के दरिन्दे से
कौन बचाए ..

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