Monday 25 September 2017

🌹हो हर दिवस बिटिया की🌹

बेटियाँ हर घर की रौनक होती
बेटियों की हँसी से घर महकता
बन जाता घर आंगन फूलवारी
जब बिटिया फूलों सी खिलती ..
झरणों सी मीठी धुन जिया को भाता
घर में उसकी जब किलकारी गूँजती
माँ पिता की जान होती बिटिया
बिन बेटियों के घर सूना ही रहता..
दो दो घरों में रिश्तों को वो बुनती
हर घर की रिश्तों की नींव होती
खूबसूरती से निभाती हर रिश्तों को
हौसले से जग में उँचे मकां बनाती ..
गगन में स्वच्छंद विचरणे के लिए
बेटियों को परवाज दें हर माँ पिता
तो तारे भी तोड़ लाएगी वो जमीं पर
सफलताओं के झंडे लहराएगी हर ओर  ..
               

No comments:

Post a Comment