भाई दूज की बेला में
हर बहनों के दिल से
निकलती है यही दुआ
हो हमारे भाइयों का
सौ साल का आयु ..
अपने भाई को आशीस
देकर बांध लेती
स्नेह के बंधन में ..
बिन भाई का हो न
कोई बहना ..
दिल से निकलती
है बस यही दुआ ..
भाई बहन का
धड़कन एक तार से
ही जुड़े रहते..
एक माँ पिता के संतान
एक साथ हँसते खेलते ..
फिर हो जाते हैं कितने दूर
पर कभी भी नजरों से
वो औझल न होते ..
भाई दूज में आकर
भैया स्नेह के बीज
बोकर मन को हरा भरा
कर जाते ..
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