Thursday 26 July 2018

बुलंद हौसला

उफान देख नदियों का
मांझी गर दिल थाम ले
छोड़ दे हाथ पाँव चलाना
तो मझधार में ही डूबके
रहेगी किस्ती उनकी ..
हिम्मत वाले तूफानो को
गुजर जाते छू के ..

नाव लहरों के हवाले
छोड़ देते हैं बुजदिल
बुलंद हो अगर हौसला
तो समुन्दर के बीच से
वो जाते हैं निकल ..

जग के जाने कितने झमेले
अनेकों होते यहाँ भेड़ चाल
जीवन के इस माया जाल
से निकलना बहुत मुश्किल
आत्मबल से मिलता है हल

जो मन से हार मान ले
डर जाए देख लहरों को
वो बैठे रहते साहिल पे
घबरा के...
साहस को जो साथी बना ले
वो ही पार करते भव सागर को..


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