Monday 19 November 2018

मुहब्बत

विधा-मुक्तक

उनको देखते ही मेरा हाल बूरा हुआ        1
मन मेरा बेकाबू दिल भी घबराया हुआ
धड़कनें भी कहाँ अब मेरा कहना माने
साँसों की तीव्र गति से बैचेन मनवा हुआ

यौवन की दहलीज पर चढके करे सब भूल   2.
रुप यौवन का माया जाल लगे जीवन फूल
धड़क धड़क कर धड़कनें छीने जीवन मूल्य
बहक जाते कदम ऐसे बिछते पथ पर शूल

कब मांगने से मिले, मुहब्बत है किसी को      3.
रब की मर्जी से मिले,मुहब्बत है सभी को
रूह की रौशनी से, सजदा सच्ची मुहब्बत
मन में बसाकर मूरत , पूजता मन है तुझीको

प्यार तो व्यापार होता , ठगता सब किसी से  4.
प्यार का दिखावा करे,  दे घात पीछे से
नेह लुटा के पता चले, सुकून मिले कितना
दुख में जो साथ निभा दे, मिलता है प्यार उसे

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