माँ से ही मिलता ये जीवन अनुदान
वही तो कराती है खुशियों का पान
हर खुशी व गम बाँटना उनसे भाता
उनके दम से बनते हैं योग्य संतान
कोई न जग में उतार सका माँ का कर्ज
मनुज भूलना न अपने कर्तव्य व फर्ज
औलाद ही हैं माँ के सभी मर्ज की दवा
यही यथार्थ, सब धर्म व पंथ में है दर्ज
बच्चों की यादें संजोकर हिय में छुपाती
दर्द सहकर भी सबके लिए वो मुस्कुराती
जान लो सभी माँ के आँचल में ही तीरथ
विषम परिस्थितियों में ढाल भी बन जाती
गीले में सोकर सूखे में सुलाती बच्चों को
ओ संतति करना न लज्जित ममता को
थाली से बचा लेती जो टुकड़े मिठाई का
खिलाना तू हाथों से, छोड़ न जाना उनको
🌹HAPPY MOTHERS DAY🌹
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