Saturday 4 May 2019

कर्मवीर

कर्मवीर राह के कंटकों से तुम न घबराना
जिन्दगी के उत्तुंग शिखर पे सिर्फ चढ़ते जाना
करो अपने पे विश्वास मिलेगी मंजिल तुझको
किस्मत की रेखा बदलो तो, मुट्ठी में जमाना

संभल संभल के चलना यदि,पथ तेरा हो अंजाना
कभी कोई शकुनि की चालें,बना न ले तुम्हें निशाना
हर कदम पर घात लगाकर बैठा रहता है शैतान
दुष्ट कुटिल को पराक्रम से,ओ कर्मवीर आजमाना

कदमों तले मंजिलें होगी, दुश्वारियों को हराना
मन कभी हो परेशान तो भी खुद को नहीं रूलाना
संर्घष के राहों पे अविरल ओ मुसाफिर चलता जा
अंतर्मन का सुनना बने ,,चाहे कोई भी बेगाना

सागर सा विशाल पर्वत सम हृदय अटल बनाना
फौलादी जीगर पर होगा फिर,, निसार जमाना
मानवता का मशाल थाम लो, करे जग गुण गाण
भेद मिटा दीन- धनिक धर्म- पंथ में, करें शुकराना

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