Monday 26 June 2017

हिम्मत

कल्पना की उड़ान से संसार नहीं बसता
यथार्थ की नींव मजबूत कंक्रीट से हो बना
सपने के घरौंदे में रहता है प्यार का रिश्ता 
जब इरादा हो पक्का हौसले छू ले बुलंदियाँ 
तो मिट ही जाती है राह की सभी दुश्वारियाँ ....

तूफानों से टकराने की ताकत हो सिने में
कौन रोक सके ,मंजिल तो फिर मिलनी है
कितने ही काँटे व कंकड़ बिछे हो राहों पे
कठिन डगर सुगम बन जाते बुलंद इरादों से

कोई भी मुश्किलें राह को रोक नहीं सकता
अगर मन पर बस हो, पग तेरा हो जमीन पर
सभी मुश्किलों को पराजित होना ही पड़ता
खुद के भरोसा,ताकत व हिम्मत के पुतले से....

सारा ज़माना क्यों न हो जाए दुश्मन हमारा
मिले न कोई भी खुशियाँ,नसीब भी दे धोखा
छोड़ गए अपने साथ, वेदना उर में हो गहरा
अपने हाथों की ताकत ही दिलाएगा मान तेरा

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