प्रतिभा और खूबसूरती में
तुम हो बेमिसाल
तुम्हारे घर में होने भर से
गम दूर ही रहता
तुम्हारी सुरीली संगीत
कोयल सी मीठी बोल
मेरे घर आंगन को
खुशियों से महकाती
जीवन के हर लम्हें
तुम्हारा हो अनमोल
नित्य नए सफलता
की सीढ़ी चढना
जीवन में हर सुख मिले
कभी पीछे मुड़ के न देखना
परिन्दे के तरह उड़ गगन में
अपने पंखों को फलक पे फैला
मंजिल तुझे पुकारती बाँहें फैलाए
कभी किसी दुखों के साये
से न हो तुम्हारा सामना
देती मैं तुझे आशीर्वाद
तुमको हमारी उम्र लग जाए
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