Saturday 28 October 2017

आशीर्वाद

प्रतिभा और खूबसूरती में
 तुम हो बेमिसाल
तुम्हारे घर में होने भर से
गम दूर ही रहता
 तुम्हारी सुरीली संगीत
 कोयल सी मीठी बोल
मेरे घर आंगन को
 खुशियों से महकाती
जीवन के हर लम्हें 
तुम्हारा हो अनमोल
नित्य नए सफलता
की सीढ़ी चढना
जीवन में हर सुख मिले
कभी पीछे मुड़ के न देखना
परिन्दे के तरह उड़ गगन में
अपने पंखों को फलक पे फैला
मंजिल तुझे पुकारती बाँहें फैलाए
 कभी किसी दुखों के साये  
से न हो तुम्हारा सामना
देती मैं तुझे आशीर्वाद
तुमको हमारी उम्र लग जाए

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