Friday 6 October 2017

निश्फल

दिल की तारें जब जुड़ जाते
तो रिश्ते भी खुल के निखरते ..
एक दूसरे में अहंकार न होता
चीनी पानी जैसे घुल मिल जाते..
 दिवार न होती कोई बीच में
 दूरियों से फर्क न पड़ता प्रीत में ..
रिश्ते नित्य नए परवान चढ़ते
दरारें बढाने की साजिशें
हो जाती है निश्फल ..
रिश्ते में कमजोरियों को भांप
दुश्मनों की सक्रियता बढ़ती ..
कितने ही आए राहों में मुश्किलें
पर दिल की गिरह खुद ही सुलझा लें ..
हल्के न होने दें अपनी गरिमा
तीसरे को आने न दें रिश्ते के बीच में ..
कुछ ही होते हैं जो दूसरे की
खुशियों में होते हैं शरीक
वर्ना लोगों की फितरत होती
घरों में आग लगाने की ..

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