Wednesday 7 February 2018

जिन्दगी एक गुलाब

जिन्दगी एक खिलता गुलाब
जिसमें हो सुर्ख रंगीनियाँ
जबां रहे प्यार की मस्तियाँ
प्रीत के हर पल हो लाजवाब ...

बचपन की अठखेलियाँ
जवानी की अल्हड़पन
लाती शोखियाँ तब्दिलियाँ
प्रीत के हर पल हो लाजवाब ..
 
पाने की चाह में गुलाब
दामन कभी उलझता है
तकदीर के काँटो से ..
पर जिन्दगी निखरती है
 खिले गुलाब की तरह ..
प्रीत के हर पल हो लाजवाब ..

दिलवाले की मनमौजियाँ
रूकती कहाँ बंदिशियों से
दिल जले की फितरत
जलने की शमां पे पतंगों सा
प्रीत के हर पल हो लाजवाब ..

जिन्दगी बदलती है करवटें
गुलाब के पंखुड़ियों की तरह
इसके हर रंग होती हैं हसीन
सफेद शांति, पीला-गुलाबी दोस्ती
लाल रंग प्रीत का करती है इजहार
प्रीत के हर पल हो लाजवाब ..
    
   

No comments:

Post a Comment