विधा- क्षणिका सृजन
प्रेम दिवस आया 1.
इजहार सरेआम
हाथों में हाथ लेकर
पर अंदर से छलिया
क्षणिक आवेश
दो पल में काफूर
प्रेम का बखान 2.
करते न थकते
जैसे हो कितने मर्मज्ञ
बारी आती प्रतिदान की
तो स्वीकार्य नहीं
ढोल पीटने वाले 3.
प्यार कभी न करते
नेह नयन से उतरकर
प्रविष्टि करे हृद के भीतर
झुकने न दे कभी गर्दन
मौन हृदय का स्पंदन 4.
द्व दिल तक पहुँचता
जाने कैसे लोगों में
हलचल मच जाती
जैसे तार का जुड़ा
सब में कनेक्शन
वेलेनटाइन डे मनाना 5.
प्रेम का जश्न न बने
थाम हाथ जीवन पर्यन्त
छोटी छोटी खुशियाँ
देना उम्र भर, पढ ले
प्रेम का पहला पाठ
निभाना वादा अपना
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