Saturday 16 February 2019

चिराग

चश्मों चिराग देश का बूझ गया
आज गम में डूब गया हिन्दुस्तां

द्रोपदी ने आज है कसमें खाई
नम दृग से लट खोलके बैठ गई
दुश्मन के लहू से केश धोएगी
प्रण पूरा करके ही जूडा बांधेगी
दुष्टों तेरे शीश ही धीर बंधाएगी
वीरों की शहादत हो न अब जाया
चश्मों चिराग देश ...

मासूमों की जिन्दगी अब उजड़ गई
दूध मुँहें बच्चे भी यतीम बन गए
माँ की आँचल फिर सूनी हो गई
चवालिस लाल क्यों शहीद हो गए
बिलख बिलख कर रो रही बेटियाँ
धर्म की आड़ में वो दहशत फैलाया
चश्मों चिराग देश ...
 
सुहाग सेज अभी ही सजी थी
मेंहदी हाथ से निकली कहाँ थी
प्रियतम के प्यार के गुल खिले
नैनों ने ख्वाब अभी तो सजाया
वादा करके गया जल्दी आऊँगा
निर्मम तुमने सुहाग उजाड़ दिया
चश्मों चिराग देश का ...

बूढ़े बाप की लाठी छीन लिया
क्यों न कर पाए पापा विदाई
सोच बेटियों का दिल टूट गया
आतंकवादी शर्म क्यों न आई
दम है सामने से ताकत दिखा
कायर तूने पीठ पर वार किया
चश्मों चिराग देश ...

अबोध  बच्चे को दिशाहीन बनाया
धर्म व पैगम्बर  का खौफ दिखा कर
बारूद और बंदुक हाथ में थमा दिया
जन्नत के ख्वाब दिखाने के बहाने
अधर्मी खुदकशी की राह भेज दिया
विश्वपटल पे नाम तेरा अमिट करना है
आतंकवाद को जड़ से अब काटना है
औकात दिखाने का समय आ गया 
चश्मों चिराग देश का ...

निहत्थे सैनिकों के चिथडें उड़ गए
हर भारतीय का दिल सिसक रहा
इस जख्म से नीर नैन के सूख गए   
शांति संदेश तुम बुजदिली समझ रहा
अब तैयार हो जाओ कफन पहनने को
सन पैसठ,एकहत्तर, कारगिल तू भूल गया
चश्मों चिराग देश का ..

देश पे कुर्बान शहीदों पर हमको फक्र है
बूँद बूँद लहू एक सूत्र में बाँध चले गए हैं
वीर बांकुरे का बलिदान व्यर्थ न जाएगा
दहशत फैला के तू देश में कोहराम न मचा
पाक  तेरा मंसूबा पर पानी फिर जाएगा
पहन तिरंगा वीरों ने देश का मान बढ़ा दिया
चश्मों चिराग देश का ...

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