Sunday 16 February 2020

प्रणय निवेदन


विधा-गीत -लावणी छंद
 16 /14 पर यति चरणांत 2 


नैनों में तेरे ही सपने , दे दी दिल तुमको सजना ।
जीवन डगर संग ही चलना, नहीं दूर तुमसे रहना ।।

दिवस खास देखो आये हैं, प्रेम निवेदन मैं करती ।
चलें दूर हो जहाँ सितारे,तुम से ही धड़कन चलती।।
नीले अंबर के नीचे मन,भर बातें करनी तुमसे ।
तेरी ही दुल्हन बनना है, कसमे खाती हूँ तुमसे ।। 
सजन निभाना रीति प्रीति की, नहीं किसी से तुम डरना ।
जीवन डगर संग ही चलना, नहीं दूर तुमसे रहना ।।

मिले जिन्दगी में लोग कई, रही उदासीन प्रीत से ।
तुम्हें देखते ही दिल धड़का, तुम जुड़े हुए अतीत से ।
स्वप्न नैन में तैर रहे हैं , तुम चढ़ कर घोड़ी आए ।
अनुबंध करो जुदा न होंगे , बस सच सपने हो जाए।।
मिले सनम गम या खुशी हमें,अब तो मिलकर है सहना।
जीवन डगर संग ही चलना , नहीं दूर तुमसे रहना ।।

सार्थकता तब प्रेम दिवस की , प्रीत स्वार्थ से परे रहे ।
जग में अपना प्यार अमर हो , सत्य प्रेम बस टिके रहे ।
इतिहास रचे हम दीवाने , प्रेम कहानी याद करे ।
कायनात में रुह की दांस्ता,इक इबारत लिखा करे ।
मन मीत एक विनती सुन लो , सदैव दिल में ही रखना ।

नैनों में तेरे ही सपने ,दे दी दिल तुझको सजना ।
जीवन डगर संग ही चलना,नहीं दूर तुमसे रहना ।।
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मैं उषा झा देहरादून 

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