राहूल का लटका मुँह देखके, माँ समझ गई जरूर एस एस टी का पेपर अच्छा नहीं गया । क्योंकि दूसरे विषयों के पेपर में तो हँसते हुए घर आता और खुशी खुशी फुल मार्क्स लाने की बात कहता । इधर से सारे टेस्ट में यही हो रहा था..
राहुल पढ़ने में बहुत मेधावी था, उसे किसी भी विषय में कम अंक लाना कतई मंजुर नहीं था, इसलिए दुखी रहता । चूँकि राहुल बहुत ही सिनसियर स्टूडेन्ट था इसलिए माँ पापा को भी
समझ में नहीं आता, आखिर अन्य विषयों से कम अंक क्यूँ आ रहा.. !
माँ ने प्यार से कहा , ..."बेटा ! बच्चों को माँ पापा से हमेशा अपनी समस्याएँ बाँटनी चाहिए ! बताओगे तो ही हम उसका हल कर पाएँगे...! "
राहुल ने झिझकते हुए कहा .. "मम्मा ! मैम 'टोपाॅग्रफ़ी पढाई नहीं हमें ,.. कहती है खुद से पढके आओ ! जो बीस नम्बर का होता है । "
नेट से भी इसे समझने की कोशिश करता हूँ,.. "फिर भी समझ
में नहीं आता ....
"इसी कारण नम्बर कम आ रहा है ..।"
पैरेन्टस टीचर मिटिंग के दिन ,.."राहुल के साथ मम्मी पापा दोनों गए ...."
"हर एक टीचर से मिले वे लोग , सभी राहुल के प्रदर्शन से काफी खुश लगे...।"
एस एस टी की टीचर से मिलने पर राहुल की माँ ने नाखुश हो कर कम अंक के बारे में कहा .."तो टीचर कहने लगी जितना लिखेगा उतना ही अंक आएगा.. ।"
राहुल की माँ ने तपाक से कहा.." मैम जब बच्चे को सारे चाप्टर पढ़ाया जाएगा तभी तो नम्बर आएगा ..!"
"ये सुनके वो गुस्से से राहुल को देखने लगी ! "
"फिर बोली , कौन से चाप्टर नहीं पढ़ाया गया ..तभी राहुल के सभी दसवीं क्लास के सहपाठी बच्चे कहने लगे... मैम ... टोपाॅग्रफ़ी ..."
मैम तिरछी नजरों से अगल बगल झाकने..... लगी ...।"
"हवा का रूख बदलते देख, उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई ..!"
अगले पल बेशर्म होके वो बोली .. "राहुल को मेरे घर एक सप्ताह ट्यूशन के लिए भेज दीजिए ...! "
"साढ़े चार हजार फीस के साथ ....!"
No comments:
Post a Comment