गीत गाएँ सब हिल मिलकर दिवस है स्वाधीनता का
माँ भारती के सपुतों ने
पराधीनता की बेड़ियों से
प्राणों की आहुति देके
मुक्त किया जन्मभूमि को
रंग गयी थी माँ भारती
क्रान्तिकारियों के खून से..
आजादी की लड़ाई में
हिम्मत न हारे कभी बापू ने
आओ सब मनाएँ जश्न
करें सब कोई गुण गान
आजादी के गौरव गान
अमर शहीदों के नाम
जाने कितनी माँ ओं के
गोद हो गई थी सूनी
जाने कितनी सुहागिंनों
के उजड़ गए हैं मांग
वीर सैनिकों की कुर्बानी
याद रखेगा हिंदुस्तान ...
गीत गाओ सब हिल मिलकर दिवस है स्वाधीनता का
जग में हमारे देश ने
बनाएँ हैं नई पहचान
आज भारती के शान को
धूमिल कर रहे हैं दुश्मन ..
सत्य अहिंसा की धरती पे
जाने क्यों वो खून बहा रहे
आतंक व जातियता का
कहर वो बरपा रहे..
एक ही माँ के बच्चे
जैसे हो जाते हैं भिन्न ..
वैसे मुट्ठी भर लोग
शैतानी कर रहे ...
बेगुनाहों और मासूमों
पे जुर्म वो ढाह रहे..
देश के वीर सपूतों देंगे
जवाब इन कायरों को
करेंगे सफाया दुष्ट व
दानवों के बदनियति का..
सम्मान की खातिर देश के
हर बच्चा बच्चा मर मिटेंगे
हम सब मिलके बढायेंगें
मान माँ भारती का..
अपनी देश के तिरंगा को
कभी भी झूकने न देंगें ..
गीत सब कोई गाओ हिल मिल कर दिवस है स्वाधीनता का
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