Thursday 2 August 2018

सांवला रंग

शांता की शादी जिस लड़के से तय हुई थी। पता चला उसका सेलेक्सन इंस्पेक्टर में हो गया है । पूरा परिवार बड़ा डर गया, लगा ये रिश्ता भी हाथ से जाने वाला है.. !

 शांता की रिश्ते की बात जहाँ चलती उसके सांवले सूरत के कारण टूट जाती ...। अंत में एक साधारण परिवार का ग्रेजुएट लड़का से रिश्ता तय हो गया ।
सब कोई सगाई की तैयारी में व्यस्त थे, अचानक इस खबर से सोच में पड़ गए ... ।

वैसे तो लड़के वाले के घर से रिश्ते तोड़ने की कोई खबर नहीं आई थी, फिर भी गिरगिट के तरह रंग बदलने वाले जमाने के दस्तूर से परिवार के लोग अधिक ही आशंकित हो गए...।

शांता तो ये खबर सुनके निढ़ाल हो गई ,लगता उसे काटो
 तो खून नहीं ....।

"खैर सगाई का निमंत्रण देने से पहले, लड़के के घर जाकर पड़ताल करना ही मुनासिब लगा ...। शांता के बड़े भैया उसी समय ही विदा हो गए ...। उस रात घर में कोई नहीं सोया ...।"

"खासकर शांता के आँखों से नींद उड़ चुकी थी ...।"

वो सोचने लगी...गर रंग गहरा हो लड़कियों का तो सारी डिग्रियाँ ,सारे हूनर शादी नाम के पैमाने पर अनफिट है ..।

जाने मेरी किस्मत में क्या लिखा है, उसने सोचा !
खैर कल के भोर तो सब कुछ स्पष्ट हो ही जाएगा ! अधिक सोच के क्या फायदा ...?

अगले दिन भाई साहब आ गए, सब कोई रिश्ते के बारे में जानने को बेताब थे ! शांता भी पर्दे के ओट से सब सुनने लगी।
भैया ने कहा बड़े अच्छे लोग हैं, लड़के व उनके माता पिता ने कहा ...
"लड़की बहुत भाग्यशाली है, उसी के वजह से ये खुशी मेरे घर आई । जाईये आप लोग सगाई की तैयारी कीजिए ....।"

"जोड़ियाँ तो उपर से बनके आती है , हम और आप उसे मिलाने के निमित्त मात्र हैं ...।"

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