पिता हर परिस्थिति
से लड़ना सिखाते
बच्चों के जीवन से
दूर रखते निराशा को..
जीवन के खार को
सहो तुम मुस्कुराते
कहते गम में भी हँस ले
जीत में बदल हार को..
प्यार और ममता को
लुटाते वो जीवन भर
स्वाभिमान से जीना
सिखाते हम सबको ...
बटूवे में पैसे न भी हो
बने रहते हैं वो अमीर
परिस्थिति जैसी भी हो
एहसास होने न दे बच्चे को
जिन्हें मरणोंपरान्त भी
अमर ही मानते सभी
उनमें से आप हैं पितु
जी रहे हिय में अब भी
उन बिन रिक्त जीवन को
कौन भर पाएगा कभी
कैसे सहेंगें गम हम बच्चे
सूझे न दिल को अब भी
उषा झा (स्वरचित)
उत्तराखंड (देहरादून)
🌷Happy fathers day 🌷
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