मेरे घर में खुशियों और
रौनकों की बहार आई है ..
बिटिया जो मिलने पास आई है ।
घर के कोने कोने से
कल कल बहती झरणे सी मीठी
धून गूँजित हो रही है ..
हर दिशाओं से ।
सचमुच बिटिया घर को
भर देती है उमंगो और
आशाओं के असीम
आनंदमयी क्षणों से ।
कितना अच्छा होता ?
हम रख लेते अपने
दिल के टुकड़े
लाड़ली को !
फिर चली जाएगी छोड़
मायके की दहलीज को ।
रशमों की रीत से बंधे सब
निभाना ही पड़ेगा दस्तूर ।
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