गुजर जाती हैं सालें
देके कई अनुठी यादें
जाने कितने मिलकर
जीवन के राहों में बिछुड़
बढ़ जाते किसी और ड़गर ..
कई यादों की छाप छोड़
मन आंगन में बना लेते हैं घर ..
कुछ ऐसे भी ख्वाब होते पूरे
जिसका यकीं न रहता दिल को
जीवन के अनोखे पल देके
और एक वर्ष तजुर्बे देककर
बीत गया ये साल भी धीरे धीरे ..
नए पैगामों के साथ नए साल
लेके आए बेसुमार खुशियाँ
आपस में करो सब मेलमिलाप
नयी शुरूआत नए साल में
प्रेम की बरसात में
धोएँ दिलों के सारे मैल
बस दुवाओं से झोली भरते रहें
है यही तमन्ना नए साल में ..
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