इस सुखद अनुभूति के पल
वीरों ने अपनी जान लुटा के दी
देश को मिल गई आजादी
क्रान्तिकारी के बलिदानों से ..
हो समानता सभी के साथ,
अन्याय न हो किसी के साथ
मजहब की दीवार न हो
हर धर्म और पंथ का सम्मान हो
तभी है गणतंत्र दिवस सफल..
देश हीत हो सर्वोपरी
करे न कोई भी गद्दारी
किसानों और मजदूरों के
मुस्कुराहट रहे बरकरार,
कोई भी उसका हक न छीने
स्वार्थ में नेता अंधे न बने
सात पुस्तों के इंतजाम में
भरते न रहे वो अपने लाॅकर ..
तभी है गणतंत्र दिवस सफल ..
देश के प्रहरी वीर सैनिकों की
कुर्बानी न हो व्यर्थ कभी
सब कोई करें ऐसे जतन,
शान में माँ भारती की
आँच न आने पाए कभी
देश की अखंडता पे न हो सवाल
बेनकाब हो दुश्मनों के हर चाल
तभी है गणतंत्र दिवस सफल ..
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