कल पड़ोस में नई दुल्हन आई ।सबको प्रीती जी के घर से बहू के मुँह दिखाई के लिए बुलावा आया ।सब औरतें बन ठनके प्रीती जी के घर पहुँच गई ।
बहू हाॅल के बीच कालीन पर बैठी थी ।सबने ज्यों ही घर में प्रवेश किया," बहू के बिना घूँघट का चेहरा देख एक दूसरे का मुँह देखने लग गए ।"
आपस में काना फूसी करते देख.. "प्रीती जी ने कहा, आओ सभी आशीर्वाद दो नीता को नए जीवन की शुरुआत के लिए ! मैंने एक बेटी को घर लाया है, और अपने मायके में पर्दा कैसा? "
" बडों का इज्जत अदब से की जाती है ! न कि, पर्दा करके "....
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