Tuesday 25 September 2018

लैपटाप

बहुधा गाँव में मनोरजन की सुविधा नाम मात्र की होती है ।
सिनेमा हाल और मलटिप्लेक्स में चलचित्र देखने के सपने
तो अधूरे ही रह जाते । परंतु विज्ञान की प्रगति से अब कोई
वंचित नहीं रहते हैं मनोरंजन से ।
देश दुनियाँ की खबर से भी कोई अछूते न रहते.... ।
घर घर टी वी ,मोबाइल लैपटाप से सब अपने लैपटाम से अपने
मनपसंद फिल्म,धारावाहिक आदि घर पर ही देख लेते हैं ।
उस दिन सरिता अपनी ननद और देवरानी को नई फिल्म
 'तुम्हारी  सुलू' के बारे में बताया ,"सुना है! हम जैसी गृहिणी
  के लिए बहुत सुंदर फिल्म है ।"
आज कैसेट मंगवाती हूँ ,"फिर शाम को मिलकर हम लोग देखेंगे ...।"
सबने कहा जरूर मंगाना .....।
"शाम होते ही सरिता अपनी ननद आरती और जिठानी
सारिका को बुला लिया और  खुश हो कर सब लैपटाप पर
 फिल्म देखने लगी ...।"

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