Monday 24 May 2021

तीज मनभावन

विधा - रजनी छंद

2122  2122   2122  2
तीज में साजन नहीं आए हिया खोये ।
बाग में झूले सखी पलपल हिया रोये।

मेंहदी चूड़ी पुकारे देख पिय तुझको ।
नैन से कजरा बहे सुध-बुध नहीं  मुझको  ।
माँ भवानी पूर्ण कर वर, माथ लाली हो । 
माँ खुशी देना, नहीं इक रैन काली हो ।
फूल दामन में खिले उर प्रीत संजोये ।।
  तीज में साजन .....

पग महावर ,आलता मैंने रचाया है ।
माथ बिन्दी नाक पे नथुनी सजाया  है।
ओढ़ ली हूँ प्रीत की  चुनरी पिया देखो ।
बूँद छमछम गात पुलकित जिया देखो।
भानु पा दमके उषा सपना नया बोये  ।।
बाग में झूले सखी .....

जिन्दगी की राह साजन नित कटे हँसके ।।
प्यार अरु विश्वास से जीवन सदा महके
गोद में नव चाँद से जगमग सितारे हो ।
भूल हो सब माफ पियु प्यारे हमारे हो ।।
भावना निश्छल रहे उर सोम शुचि धोये ।

उषा झा देहरादून
सादर समीक्षार्थ 🌼🌺

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