मैं और मेरे सपने
जिसे परवाज देने में
खोयी रहती ..
रात दिन अथक प्रयास
करती रहती ..
जिन्दगी के पन्नों को
रंगों से भरने में
लगी रहती ..
सुहाने दिन यूँ न आते
जाने कितने दिन रात
तारों को देख
काटना पड़ता ..
गर सच्ची लगन
हो तो सपने को
हकीकत बन जाने से
कोई रोक नहीं सकता
सुहाने सफर
फूलों सी डगर
हर किसी की चाहत ..
जज्बे हो दिल में
सपनों को परवाज
देने का तो सपने
भी सच हो जाता
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