कुछ खट्टे मीठे यादों का नाम जीवन
कोई सुंदर सी बातें कर याद मगन मन
वक्त के पन्ने जाए फिर से एकबार पलट
जी करता फिर से वो पल आए लौट ..
तो वक्त के उन पहलू में जी लू कुछ पल
काश मिल जाए वो अनोखा पल ..
कोई बेसुरी बतिया मन मुरझा देती
कर याद उन दिनों की सिहर सी जाती
मुश्किल है निकलना दुख के भंवर से
कोई भी न निकालते इस दलदल से ...
तकलीफों में होती है पहचान लोगों की
देखा है गिरगिट सा रंग बदलना लोगों का..
भूले बिसरे पल के कई ऐसे सहचर ..
जो बने थे दुख के दरिया के किनारे ..
वो बनके पतवार नैया डूबने न दिया
हमारे वजूद को बिखरने से बचाया
ऐसे सखा की स्मृति कभी भूला न पाते ..
वरना लोग तो पीछे से टांग खिंचा करते
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