😬😬😬😬
राधिका जैसे ही मेरे घर आई सब बच्चे हँसते हुए अपने कमरे में चले गए ..क्योंकि उनकी चुगली करने की आदत से वे पहले ही वाकिफ थे ।
राधिका भाभी के आते ही प्रेम से गले मिली फिर सोफे पे बिठा कर कुशल क्षेम पूछा ..कहो भाभी जी कैसी हो? बड़े दिन बाद दिखाई दी..
अरे मीरा जीजी क्या बताऊँ ,मेरे घर ननद परिवार सहित आई हुई थी ।उसी के स्वागत सत्कार में लगी थी ।
क्या बताऊ मेरे ननद के बच्चे बड़े
शरारती घर को तहस नहस करके रख दिया .. जरा सी भी बच्चे को कुछ कह देती मेरे पति तो उबल पड़ते ।
आज पिन्ड़ छुटा गई वो.. देखो न आज भी पति से झगड़ा हो गया ..
मैंने कहा मेरे पास संदुक में साड़ियाँ पड़ी है उसी में से दे देती हूँ, बच्चे को पैसा पकड़ा दुँगी क्यों फालतू पैसे बरवाद करना..इसी पर भड़क गए मेरे पति ,कहने लगे मायके के कोई आए तो इतने महंगे गिफ्ट में पैसे जाया जो करती वो तुम्हें नहीं दिखता!! मैं तुम्हारी संदुक की पुरानी साड़ी नहीं दुँगा ...
बताओ जीजी मेरी क्या गलती?
आते ही राधिका बहन टेपरेकार्डर की तरह शुरू हो गई ..
मैंने तिरछी नजर से मुस्काते हुए कहा जाने दो भाभी ..कभी कभी भाई साहब का बात पूरे होने दो आखिर बहन ही तो है ।राधिका थोड़ी सकुचा गई .. इतने में चाय पानी ले आई ।
चाय पीते पीते फिर कहने लगी अरे मीरा जीजी आपने सुना कल शर्मा भाभी के घर बहुत जोर जोर से आवाज आ रही थी .. लग रहा था सास बहू में झगड़ा हो रहा था ।
मैंने बात टालने के लिए कह दिया ..
जाने दो न भाभी ..सबके घर थोड़े बहुत तो होता ही है।बहुत सारे बरतन एक साथ हो तो आवाज होगी ही ..
राधिका भाभी का मेरे हाँ में हाँ न मिलाने से मुँह लटक गया .. अपना सा
मुँह ले बोली चलती हूँ ।
मैं भी रोज दिन के चुगल खोरी से आजिज हो गई थी सोची आज चुपचाप नहीं सुनना ,इसे बता ही दू सही बात ...
Saturday 17 March 2018
चुगली
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