Thursday 22 March 2018

बूँद बूँद घड़ा भरे

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जल बिहिन जीवन
कल्पना से है परे ।
प्यासे तरसेंगे जीव
बिन जल धरा पर ।
वृक्ष बेल लताएँ
सब मुरझा जाएँगें ।
धरती बंजर हो जाएँगी
शेष न बचेगी जिन्दगी ।
जितनी हो जरूरत
इस्तेमाल उतना हो ।
बूँद बूँद घड़ा भरता ..
प्रयास सबका हो
जल बर्बाद न हो ।
ना समझ मानव
की बेवकूफी से
जल हम खरीद रहे ।
जल संरक्षण है
अति आवश्यक ।
बारिश के पानी को
एकत्र रखने का
सही इन्तजाम हो ..
झील तालाब कुएँ का
बारिश से पहले सफाई हो ।
जल के प्रचुरता से
जब धरा लह लहाएगी ।
चमन खिल उठेगा
जिन्दगी मुस्कुराएगी ।
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विश्व जल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

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