Friday 27 September 2019

दिल पर बल न डालो

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रहा नहीं गम कभी हमें भी,खुशी मिली जो तुम्हीं सँभालो ।
भुला ,रहे तुम रहम कभी तो करो, हमें अब कुचल न डालो  ।।

वफा नहीं वो करे उन्हें क्या कहे किसी से न आरजू अब ।
मियाँ दिखाते शकल न अपना,किसी परी पर फिसल न डालो

कभी पुकारा तुम्हें हृदय से, मगर न कोई जवाब पाया ।
चलो मिटा दो सुहानी यादें , खुशी में अब खलल न डालो ।

दिवा स्वप्न से जगी तो दिल का खुमार जाने कहाँ गया है।
यहाँ तो माँगे न भीख मिलती, चलो हृदय पर ये बल न डालो

नहीं गिला है सनम जहाँ भी रहो दुआ है  मिले सभी सुख
 गुजर गए वक्त प्यार के अब जुदा है राहें  दखल न डालो।।

यकीन किस का करें जिगर पर लगी अभी चोट जो गहरा है ।
उड़ा रहा था पतंग जैसा , गिरी धरा पर  पहल न डालो ।।

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